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Friday 23 March 2018

*रिश्तेदारों का एहतिराम*
بِسْــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ
     तमाम रिश्तेदारों के साथ अच्छा बरताव करना चाहिये। हज़रते सय्यिदुना आसिम رضى الله تعالى عنه से रिवायत है कि रसूल्लाह ﷺ ने फरमाया : "जिस को येह पसन्द हो कि उम्र में दराज़ी और रिज़्क़ में फराखि हो और बुरी मौत दफअ हो वोह अल्लाह तआला से डरता रहे और रिश्तेदारों से हुस्ने सुलूक करें ।
*✍(المستدرك ج ٥ ص ٢٢٢ حديث ٧٣٦٢)*

     मुस्तफा जाने रहमत ﷺ ने फ़रमाया : "रिश्ता काटने वाला जन्नत में नही जाएगा ।"
*✍(بخارى ج ٤ ص ٩٧ حديث ٥٩٨٤)*

*सिलए रहमी का मा'ना*
     "बहारे शरीअत हिस्सा 16  सफहा 201 ता 203 पर है : सिलए रहम का मा'ना रिश्ते को जोड़ना है या'नि रिश्ते वालो के साथ नेकी और सुलूक करना। सारी उम्मत का इस पर इत्तिफाक है कि सिलए रहम वाजिब है और कतए रहम (या'नि रिश्ता तोड़ना) हराम है ।

*✍एहतिरामे मुस्लिम* 8
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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