ताज़िमे इरशादे रसूलﷺ
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بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْم
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
5) वाइल बिन हजर कहते है कि मैं एक मरतबा हाज़िरे खिदमत हुवा, मेरे सर के बाल बहुत बढ़े हुवे थे, मैं सामने आया तो हुज़ूर ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया: "ज़बाब, ज़बाब"।
मैं ये समज़ा कि मेरे बालों को इर्शाद फ़रमाया, वापस गया और उनको कटवा दिया। जब दूसरे दिन खिदमत में हाज़िर हुवा तो इर्शाद फ़रमाया: मैं ने तुझे नहीं कहा था, लेकिन येह अच्छा किया।
बाक़ी अगली पोस्ट में..ان شاء الله
*✍🏼सहाबएकिराम का इश्के रसूलﷺ* पेज 62
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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