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Tuesday 17 July 2018

*तज़किरतुल अम्बिया* #192


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*बुन्यामिन को पास रखने का हिला*
     जो प्याला बुन्यामीन के सामान में रखा गया था वो बादशाह के पानी पीने में इस्तेमाल होता था और इससे गल्ला नापने का काम भी लिया जाता था। इतना कीमती था जिससे चोरी की खुसूसी हद नाफ़िज़ हो सकती थी।
     यह प्याला युसूफ عليه السلام के हुक्म से ही रखा गया था। ये बुन्यामिन को कह कर रखा गया था इसलिये की जब युसूफ عليه السلام ने उन्हें कहा भी की वालिद साहब पहले मेरी जुदाई से परेशान हैं तो अब तुम्हारी जुदाई से ओर ज़्यादा परेशान होंगे लेकिन वह फिर भी वहां रहने पर बज़िद था आप عليه السلام ने बुन्यामिन को बताया कि अगर तुम यहाँ रहना चाहते हो तो एक ही हिला है कि तुम्हारे सामान में प्याला रख कर उसके बदले तुम्हे यहां रखा जाये। तो बुन्यामिन ने रज़ामन्दी का इज़हार किया।
     जिस तरह हमारी शरीअत में चोरी की हद हाथ काटना है इस तरह याकूब عليه السلام की शरीअत में उस शख्स को माल के बदले गुलाम रखा जाता। मिस्र के बादशाही कानून में चोर को मारा जाता था और माल के बदले दो गुना वसूल किया जाता था।
     युसूफ عليه السلام ने यह हिला याकूब عليه السلام की शरीअत के मुताबिक किया और वो भी अल्लाह की मशीयत से क्योंकि रब ने खुद फ़रमाया: यह हिला हमने युसूफ को सिखाया।
     ओर जिस शख्स ने आवाज़ देकर यह कहा था कि अगर कोई शख्स वो प्याला ठूँठकर लायेगा तो उसे बतौर इनाम एक ऊंट का बोझ दिया जायेगा उसने भी आप عليه السلام के हुक्म से ही एलाने किया था।
     अहले मिस्र जानते थे कि ये कानून मिस्र के नहीं, आप عليه السلام की मंशा भी यह नही थी कि भाइयों को चोरी के इल्ज़ाम में मुत्तहिम किया जाये इसलिये आपने अपने खादिम को सब कुछ बताया हुआ था तमाम काम आपके हुक्म से हो रहे थे।
     जब आपके भाई गल्ला लेकर निकले तो पीछे से उनको पुकारकर कहा गया आए काफिले वालो! बेशक तुम चोर हो। इस कलाम का मतलब भी ज़ाहिर पर मबनी नहीं।
     क़ुरआन में कई मक़ाम पर ऐसा कलाम मज़कूर है जहां सिर्फ इस्तिफहाम पोशीदा होता है। कहने वाले का मतलब यह था कि के काफिले वालो क्या तुम चोर तो नहीं हो? यह कलाम इल्ज़ाम नहीं था बल्कि सवाल था।
     बुन्यामिन के सामान से पहले दूसरे भाइयो के सामान को खोलना भी इत्तेफाकी नहीं था बल्कि इरादतन था।
*✍तज़किरतुल अम्बिया* 156

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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