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Friday 13 July 2018

*मनहूस दिन*


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ
اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ
     किसी ने क़सम खाई कि वो अपनी बीवी के पास मनहूस दिन के अलावा कभी नहीं जाएगा (वरना उसकी बीवी पर तलाक़ है) फिर उलमा से उसने फतवा दरयाफ़्त किया। उलमा ने जवाब दिया कि दिन तो सारे ही बाइसे बरकत है लिहाज़ा तेरी औरत पर तलाक़ पड़ गई। लेकिन वो इस जवाब से मुतमइन न हुआ फिर वो हज़रत अब्दुल अज़ीज़ दैरानी رحمة الله عليه के पास पंहुचा और उनसे इस मसअला दरयाफ़्त किया। शैख़ ने उससे पूछा : क्या तूने आज नमाज़ पढ़ी है ? उसने कहा : नहीं! आज नहीं पढ़ी। आप ने फ़रमाया जा! अपनी बीवी के पास क्योंकि तेरे लिये यही मनहूस दिन है क्योंकि बन्दा जिस दिन नमाज़ नहीं पढ़ता वही उसके लिये मनहूस दिन होता है।
*✍🏼नुज़हतुल मनाजिह्* 1/491
*✍🏼नमाज़ की अहमियत* 31
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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