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Tuesday 17 July 2018

*महब्बते इलाही के हुसूल का तरीक़ा*


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ
اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ
     हुज़ूर ﷺ का फरमान है: अल्लाह ने हज़रत दाऊद की तरफ वही भेजी कि "ऐ दाऊद! गुनाहगारों को खुशखबरी दे दो और सिद्दीक़ीन को डर सुनाओ।" तो हज़रते दाऊद عليه السلام को इस बात पर बड़ा तअज्जुब हुवा, तो उन्हों ने अर्ज़ की: या रब में गुनाहगारों को क्या खुशखबरी दूँ और सिद्दीक़ीन को क्या डर सुनाऊँ?
     अल्लाह ने फ़रमाया: ऐ दाऊद! गुनाहगारों को ये खुशखबरी सूना दो कि कोई गुनाह मेरी बख़्शिश से बड़ा नहीं और सिद्दीक़ीन को इस बात का डर सुनाओ कि वो अपने नेक आमाल पर खुश न हों क्यों की में जिस से भी अपनी नेअमतों का हिसाब लूंगा वो तबाहो बर्बाद हो जाएगा, ऐ दाऊद! अगर तू मुझसे मुहब्बत करना चाहता है तो दुन्या की महब्बत अपने दिल से निकाल दे क्योंकि मेरी और दुन्या की महब्बत एक दिल में जमा नहीं हो सकतीं, ऐ दाऊद! जो मुझसे मुहब्बत करता है वो रात को मेरे हुज़ूर तहज्जुद अदा करता है जब कि लोग सो रहे होते है, वो तन्हाई में मुझे याद करता है जब की गाफिल लोग मेरे ज़िक्र से गफलत में पड़े होते है, वो मेरी नेअमतों पर शुक्र अदा करता है जब की भूलने वाले मुझ से गफलत इख़्तियार करते है।

     खुशखबरी है उस के लिये जिस की आँखे रत को जागती हों और वो अपने रब की महब्बत में बे क़रार रात गुज़ारता है।
     और वो अल्लाह की मुलाक़ात का शौक़ लिये सितारों के छुपने का इंतज़ार करते हुए तन्हाई में क़याम करता है, और अल्लाह की निगाहें रहमत उस की तरफ मुतवज्जेह रहती है।
*आंसुओं का दरिया* 37
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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