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Monday 13 August 2018

*क़ुरबानी की फ़ज़ीलत व मसाइल* #13


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ

اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*_जानवरो पर रहम की अपील_*

     गाय वगैरा को गिराने से पहले ही किब्ले का तअय्युन कर लिया जाए, लिटाने के बाद बिल खुसुस पथरीली ज़मीन पर घसीट कर कीब्ला रुख करना बे ज़बान जानवर के लिये सख्त अज़िय्यत का बाइस है। ज़बह करने में इतना न काटे कि छुरी गर्दन के मोहरे (हड्डी) तक पहुच जाए कि ये बे वजह की तकलीफ है,

     फिर जब तक जानवर मुकम्मल तौर पर ठन्डा न हो जाए न उस के पाउ काटे न खाल उतारे, ज़बह कर लेने के बाद जब रूह न निकल जाए छुरी न ही कटे हुए गले पर मस (touch) करे न ही हाथ।

     बाज़ कस्साब जल्द ठन्डा करने के लिये ज़बह के बाद तड़पती गाय की गर्दन की ज़िन्दा खाल उधेड़ कर छुरी घोप कर दिलकी रगे काटते है, इसी तरह बकरे को ज़बह करने के फौरन बाद बेचारे की गर्दन चटखा देते है, बे ज़बानों पर इस तरह कि बिला वजह इज़ा पहुचाने वाले को रोके। अगर बा वुजुदे कुदरत नही रोकेगा तो खुद भी गुनहगार और जहन्नम का हक़दार होगा।

     जानवर पर ज़ुल्म करना ज़िम्मी काफिर और (अब दुन्या में सब काफिर हर्बि है) ज़ुल्म करने से ज़्यादा बुरा है और ज़िम्मी पर ज़ुल्म करना मुस्लिम पर ज़ुल्म करने से भी बुरा है क्यू की जानवर का कोई मुईन व मददगार अल्लाह के सिवा नही इस गरीब को इस ज़ुल्म से कौन बचाए।

*✍🏽दुर्रेमुखतार व रद्दलमोहतर, 9/662*

*✍🏽अब्लाक़ घोड़े सुवार, 15*

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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