Pages

Friday 17 August 2018

*क़ुरबानी की फ़ज़ीलत व मसाइल* #17


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ

اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*_इज्तिमाई क़ुरबानी का गोश्त वज़्न कर के तक़सीम करना होगा*_

     अगर शिर्कत में गायकी क़ुरबानी कि तो ज़रूरी है कि गोश्त वज़्न कर के तक़सीम किया जाए, अंदाज़े से तक़सीम करना जाइज़ नही, करेंगे तो गुनाहगार होंगे। बख़ुशी एक दूसरे को कम ज़्यादा मुआफ़ केर देना काफी नही।

*✍🏽बहारे शरीअत, 3/335*

     हा अगर सब एक ही घरमें रहते है कि मिल कर ही बाटेंगे और खाएंगे या शुरका अपना अपना हिस्सा लेना नही चाहते,ऐसी सूरत में वज़्न करने की हाजत नही।


*_अंदाज़े से गोश्त तक़सीम करने के दो हिले_*

     अगर शुरका अपना अपना हिस्सा ले जाना चाहते हो तो वज़्न करने की मशक्कत से बचने के लिये ये दो हिले कर सकतेहै :

     1 ज़बह के बाद इस गायका सारा गोश्त एक ऐसे बालिग़ मुसलमान को हिबा (यानि तोहफ्तन मालिक) कर दे जो उन की क़ुरबानीमें शरीक न हो और अब वो अंदाज़े से सब में तक़सीम कर सकता है।

     2 दूसरा हिला इस सेभी आसान है जैसा कि फ़ुक़हाए किराम फरमाते है : गोश्त तक़सीम करते वक़्त उस में कोई दूसरी जीन्स (मसलन कलेजी मग्ज़ वगैरा) शामिल की जाए तो भी अंदाज़े से तक़सीम कर सकते है।

*✍🏽दुर्रेमुखतार, 9/527*

     अगर कोई चीज़ डाली है तो हर एक में से टुकड़ा टुकड़ा देना लाज़िम है। गोश्त के साथ सिर्फ एक चीज़ देना भी काफी है। मसलन, तिल्ली, कलेजी, सीरी पाए डाले है तो गोश्त के साथ किसी को तिल्ली दे दी, किसी को कलेजी का टुकड़ा, किसी को पाया, किसी को सीरी। अगर सारी चीज़ों में से टुकड़ा टुकड़ा देना चाहे तब भी हर्ज नहीं।

*✍🏽अब्लाक़ घोड़े सुवार, 22*

●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●

मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●

*​DEEN-E-NABI ﷺ*

📲JOIN WHATSAPP

*(बहनों के लिये अलग ग्रुप)*

📱+91 95580 29197

📧facebook.com/deenenabi

📧Deen-e-nabi.blogspot.in

📧https://www.youtube.com/channel/UCuJJA1HaLBLMHS6Ia7GayiA

No comments:

Post a Comment