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Friday 10 August 2018

तज़किरतुल अम्बिया* #215


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ

اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*हूद عليه السلام ने क़ौम को क्या तबलीग फ़रमाई?*

     आप عليه السلام ने फ़रमाया: क्या तुम्हें डर नहीं, यानी आपने उनके डरने को बईद समझा और गोया यह कहा कि तुम डरते ही नहीं हो। नूह عليه السلام की क़ौम को अज़ाब दिया जा चुका है, जिसका तुम्हें इल्म है अगर तुम्हें कुछ अल्लाह के अज़ाब का डर और खौफ होता तो ज़रूर तुम अल्लाह पर ईमान ले आते, बूत परस्ती की हिमाक़त न करते।

     कहाँ ऐएड़ी क़ौम! अल्लाह की इबादत करो उसके सिवा कोई मअबूद नहीं सिर्फ इफ़्तरा बांध के वाले हो। ऐ क़ौम! में इस तरह तुमसे कोई उजरत नहीं मांगता मेरा अज्र तो उसी के ज़िम्मे है जिसने मुझे पैदा किया है तो क्या तुम्हें अक़्ल नहीं। और अपने रब से माफी चाहो फिर उसकी तरफ रुजू करो तुम पर ज़ोर की बारिश बरसाएगा इससे ज़्यादा देगा और जुर्म करते हुए रु गरदानी न करो।

     हूद عليه السلام की क़ौम बूत परस्त थी ख़ुसूसन उनके तीन बड़े बूत थे जिनको वो अपने बड़े मअबूद समझते थे उन बुतों के नाम सदा, समुद और हवा थे। हूद عليه السلام की क़ौम अमान और हिज़्र के दरमियान फैली हुई थी ये एक रेगिस्तानी वादी थी जिसका ज़िक्र क़ुरआन में इस तरह बयान किया गया है: और याद करो आद के हम क़ौम को जब उसने इनको सर ज़मीने एहक़ाफ़ में डराया।

     हूद عليه السلام ने जब उनको अक्सर शिर्क से बाज़ रहने बूत परस्ती को छोड़ने और अल्लाह की वहदानियत पर इमान लाने की दावत दी तो क़ौम ने आपकी तकज़ीव की तो अल्लाह ने उनसे तीन साल तक बारिश रोक ली, क़हत साली पड़ गई, उनकी औरतों को भी तीन साल तक बांझ कर दिया उनके बच्चों की पैदाइश मोअत्तल हो गई।

     हूद عليه السلام ने 3 शख्सों को अपनी क़ौम के पास भेजा कि तुम उन्हें समझाओ वो तीन कील बिन अशर, नुएम बिन हज़ाल और मुदस्सिर बिन सअद थे। ये दरहक़ीक़त आप पर ईमान लाये हुए थे लेकिन क़ौम से ईमान छुपाया हुआ था। इन तीनों को भेजने का मक़सद यही था कि क़ौम उन्हें अपना समझकर उनकी बात को मानेगी और सोचेंगे कि यह हमारे अपने ही लोग हमें नसीहत कर रहे हैं तो यक़ीनन इसमें भलाई होगी लेकिन क़ौम सोचने और मानने से आरी ही रही।

     आप عليه السلام ने क़ौम को इन तीनों के ज़रिये कहलाया की अल्लाह पर ईमान लाओ रब से मगफिरत तलब करो और अल्लाह की तरफ खुशु व खुज़ु से रुजू करो, तो अल्लाह तुम्हें ज़ोर की बारिश अता करेगा और तुम्हें कसीर माल अता करेगा और तुम्हें बेटे अता करेगा और तुम्हारे लिये बारिश से नहरें और बाग़ात बनायेगा और तुम्हें पहले से ज़्यादा ताक़तवर बनायेगा।

*✍तज़किरतुल अम्बिया* 175

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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