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Thursday 27 September 2018

_नमाज़ छोड़ने का अन्जाम क़ुरआन की रौशनी में_* #03


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ

اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

     एक और मक़ाम पर अल्लाह नमाज़ में सुस्ती करने वालों को अज़ाब की वईद सुनाते हुए यूँ फरमा रहा है :

     "वैल" है उन नमाज़ पढ़ने वालों के लिये जो अपनी नमाज़ में सुस्ती करते है।

*✍🏼सूरए मऊन 4,5, पारह 30*


     "वैल" अस्ल में जहन्नम की उस वादी का नाम है कि अगर उसमें दुन्या के पहाड़ डाले जांए तो वो भी उसकी शदीद गर्मी से पिघल जाएं। ये उन लोगों का ठिकाना है जो नमाज़ में सुस्ती करते है और उसको सही वक़्त से टालकर (क़ज़ा करके) पठते है।

     जब नमाज़ में सुस्ती करने वाले को इतना सख्त अज़ाब दिया जाएगा तो आप खुद अन्दाज़ा लगा लीजिये कि सिरे से नमाज़ न पढ़ने वालों को कितने सख्त अज़ाब से दो चार होना पड़ेगा ?

*✍🏼नमाज़ की अहमिय्यत* 9

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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