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Saturday 1 September 2018

तज़किरतुल अम्बिया* #235


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

*अय्यूब عليه السلام की आज़माइश की घड़ियां* #01

     अल्लाह कभी कभी अपने मुकर्रब बन्दों को शदीद मुश्किलात में मुब्तला करके आज़माता है कि वो मेरा बन्दा कितना सब्र करता है, मसाइब व आलाम में कोई शिकवा तो ज़बान पर नहीं लेता। और कभी अल्लाह बहुत माल व दौलत अता करके आज़माता है कि मेरा बन्दा कितना शुक्रिया अदा करता है?

     अय्यूब عليه السلام को पहले आराम व सेहत, माल व दौलत व औलाद हर तरह की खुशियां अता करके आज़माया। इसमें आपने अज़ीम कामयाबी हासिल की। आपने शुक्रिया अदा करके बे मिसाल नमूना पेश किया। इसके बाद आज़माइश का दूसरा दौर शुरू हुआ कि ज़मीन के नीचे से कुदरती आग ने आपके बाग़ात, खेतियाँ, ऊंट, बकरियां जलाकर रख दिया।

     जब आप عليه السلام को पता चला तो आपने कहा: ये सब माल दौलत अल्लाह ने ही अता किया था वही इसका हक़ीक़ी मालिक है। जब वही इसका हक़दार है तो उसे हक़ पहुंचता है जब चाहे ले ले मुझे इसमें कुछ कहने की कोई मजाल नहीं।

     आप عليه السلام की औलाद एक मकान में थी वहां ज़लज़ला आया मकान गिर गया आपकी औलाद फौत हो गई। मकान की छत और दीवारे गिरने से आपके बच्चों पर क्या हाल गुज़रा होगा? जिस्म चकना चूर हुए होंगे, हड्डियां टूटी होंगी, सर फ़टे होंगे, खून के फव्वारे चले होंगे, लेकिन ये हाल सुन कर भी अल्लाह के नबी ने सब्र का कमाल मुज़ाहिरा किया वही अल्फ़ाज़ ज़बान पर कि सब कुछ रब का है जो चाहे करे।

     आप عليه السلام के जिस्म में शदीद हरारत से ऐसा असर हुआ यूं ।महसूस होता कि आपके जिस्म में आग के शोले भड़क उठे है। सर से लेकर क़दम तक आबले पड़ गये, शदीद खारिश होने लगी, नाखूनों से जिस्म को खुजलाते रहे यहां तक कि नाखून गिर गये फिर ठिकारियां या पथ्थरों से अपने जिस्म को खुजलाते जिस्म शदीद ज़ख़्मी हो गया ज़ख्मों में बू आने लगी, उनमें कीड़े पड़ गये, सारे जिस्म में सिर्फ आंखे दिल और ज़बान महफूज़ थे। 

     इब्ने असाकिर ने बयान किया: हज़रत अय्यूब عليه السلام के जिस्म से अगर कोई कीड़ा नीचे गिर जाता तो आप फिर उसे अपनी जगह लौटा देते और कहते अल्लाह ने जो रिज़्क़ तुम्हें दिया है वो खाओ।

*✍️तज़किरतुल अम्बिया* 190

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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