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Tuesday 11 September 2018

तज़किरतुल अम्बिया* #246


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

*हज़रत यूनुस عليه السلام*

     यूनुस عليه السلام की क़ौम के लोग नेनवा इलाक़ा मोसिल में रहते थे। वो कुफ्र व शिर्क बूत परस्ती में मुब्तला थे। अल्लाह ने यूनुस عليه السلام को उनके पास भेजा आपने उन्हें ईमान लाने और बूत परस्ती को छोड़ने के मुतअल्लिक़ हुक्म दिया लेकिन क़ौम ने आपकी तकज़िब की, आप عليه السلام ने उन्हें अल्लाह के फैसला से आगाह किया कि अगर तुम ईमान नहीं लाओगे तो अल्लाह के अज़ाब में मुब्तला हो जाओगे। आप खुद उन लोगों से नाराज़ होकर शहर से बाहर चले गये, जब उन्होंने यूनुस عليه السلام को न पाया तो बहुत खौफ में मुब्तला हो गये, कहा अब अज़ाब ज़रूर आयेगा।

     यूनुस عليه السلام ने क़ौम को एक खास मुद्दत तक दुन्यावी माल व मुताअ से नफा हासिल करने की मोहलत दी थी कि अगर तुम ईमान नहीं लाओगे तो फलां वक़्त अज़ाब में मुब्तला हो जाओगे। मोहलत की मुद्दत में कई अक़वाल है: 40 या 30 या 35 दिन थी।

     तफसीरें कबीर के मुताबिक़ जब 35 दिन गुज़र गये तो आसमान पर शदीद स्याह बादल छा गये जिनसे बहुत ज़्यादा धुआं निकलने लगा, वो धुआं शहर तक पहुंच गया और उसने मकानों को अपनी लपेट में ले लिया। अब वो लोग समझ गये कि यूनुस عليه السلام ने जिस अज़ाब के आने के मुतअल्लिक़ कहा था बस वो आने ही वाला है। वो इतने शदीद खौफ में मुब्तला हो गये कि डर के मारे शहर को छोड़कर जंगल मे चले गये।

     उन्होंने अपनी औरतों और बच्चों को जुदा कर दिया यहां तक कि तमाम जानवरों और उनके बच्चों को भी जुदा जुदा कर दिया जबकि वो एक दूसरे से जुदा होकर एक दूसरे की तरफ मुश्ताक़ होने की वजह से बेक़रार हो गये, वो अपनी आवाज़े निकलने लगे। उन जानवरों की दर्दनाक आवाज़े ज़बान हाल से आह व ज़ारी का एक अजीब दर्दनाक मंजर पेश कर रही थी। वो सब इंसान मर्द व औरतें व बच्चें अल्लाह के हुजूर अपनी आजिज़ी का इज़हार कर रहे थे रो रहे थे और अर्ज़ कर रहे थे कि "अल्लाह हम तुझ पर और तेरे नबी यूनुस عليه السلام पर ईमान लाये है हम अपने गुनाहों की माफी तलब कर रहे है, ऐ मौला हमारे गुनाह माफ फरमा कर हमें आने वाले अज़ाब से महफूज़ रख।

     उन्होंने अगर कभी एक दूसरे पर मज़ामिल किये हुए थे तो उनको माफ कराया अगर किसी के हुक़ुक़ गज़ब किये हुए थे तो वो वापस किये तौबा का ये आलम था कि अगर किसी की इजाज़त के बगैर उन्हेंने कोई पथ्थर अपने मकानों की बुन्यादों में लगाया हुआ था तो बुनियादें खोदकर पथ्थर निकल कर वापस किया। जब उन्हीने ईमान क़बूल कर लिया, सच्चे दिल से तौबा कर लि तो अल्लाह को उन पर रहम आ गया और उनसे अज़ाब दूर कर दिया।

*✍️तज़किरतुल अम्बिया* 197

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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