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Saturday 15 September 2018

*तज़किरतुल अम्बिया* #249


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

*मछली के पेट मे यूनुस عليه السلام की दुआ*

     जुल्मात, जमा ज़िक्र किया, कई तरीकियाँ, इसलिये की आप दरिया की तारीकी, रात की तारीकी ओर मछली के पेट की तारीकी में थे। उन अंधेरों में आपने रब के हुजूर इल्तेजा की, ऐ अल्लाह! में जो तेरे हुक्म के इंतज़ार से पहले आ गया ये मुझसे बेजा हुआ तो इन कलिमात से आप की दुआ को क़ुबूल कर लिया गया।

     

*दुआ न करते तो क़यामत तक मछली के पेट मे रहते*

     यूनुस عليه السلام मछली के पेट में जाने से पहले भी अल्लाह का ज़िक्र कसरत से करते थे और पेट मे भी अल्लाह को याद करते रहे तो अल्लाह ने आप पर रहम फ़रमाया।

     बअज़ बुजुर्गो ने कहा: तुम अल्लाह को आसानी में याद करो ताकि वो तुम पर मसाइब वे शदाइद में महेरबानी फरमाये।

*✍️तज़किरतुल अम्बिया* 200

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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