بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ
اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ
और बोले हमें तो आग न छुएगी मगर गिनती के दिन (10) तुम फ़रमादों क्या ख़ुदा से तुमने कोई एहद (वचन) ले रखा है? जब तो अल्लाह कभी अपना एहद ख़िलाफ़ न करेगा (11) या ख़ुदा पर वह बात कहते हो जिसका तुम्हें इल्म नहीं 80
*तफ़सीर*
(10) हज़रत इब्ने अब्बास से रिवायत है कि यहूदी कहते कि दोज़ख़ में वो हरगिज न दाख़िल होंगे मगर सिर्फ़ उतनी मुद्दत के लिये जितने अर्से उनके पूर्वजों ने बछड़ा पूजा था और वो चालीस दिन हैं, उसके बाद वो अज़ाब से छूट जाएंगे, इस पर यह आयत उतरी.
(11) क्योंकि झूट बड़ी बुराई है और बुराई अल्लाह की ज़ात से असम्भव. इसलिये उसका झूट तो मुमकिन नहीं लेकिन जब अल्लाह तआला ने तुमसे सिर्फ़ चालीस रोज़ अज़ाब के बाद छोड़ देने का वादा ही नहीं फ़रमाया तो तुम्हारा कहना झूट हुआ.
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*DEEN-E-NABI ﷺ*
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