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Tuesday 16 October 2018

*अल्लाह की महब्बत कैसे हासिल करें ?* #09


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

*नेअमते इलाही में ग़ौरो फिक्र महब्बते इलाही का ज़रिआ*

     अल्लाह के फ़ज़्लो एहसान और उसकी छोटी बड़ी ज़ाहिरी बातिनी नेअमतों को हर वक़्त पेशे नज़र रखना भी महब्बते इलाही के हुसूल का मुआस्सिर ज़रिआ है। 

     इस बात में कोई शक नहीं कि अल्लाह ने अपने बन्दों पर बेशुमार एहसानात फरमाए, ज़मीन को फर्श बनाया, आसमान को बगैर किसी सुतून के क़ायम किया, अपनी राह बताने और हक़ की दावत देने के लिये रसूलों अम्बिया को मबुउस फ़रमाया।

     इसके अलावा हम अगर अपनी ज़ात में गौर करे तो मालूम होगा कि अल्लाह ने हमें बेशुमार नेअमते अता कर रखी है। मसलन हमे पैदा किया और ज़िन्दगी बाक़ी रखने के लिये सांस लेने और निकाल नेक निज़ाम अता फ़रमाया। चलने के लिये पांव, छूने के लिये हाथ, देखने के लिये आंखे, सुनने के लिये कान, सूंघने के लिये नाक, बोलने के लिये ज़बान अता की, और ऐसी कई बेशुमार नेअमते अता फ़रमाई, जिन में आज तक हम ने कभी गौर ही नहीं किया, हालांकि उस की एक छोटी सी नेअमत भी हमारी कई साल की इबादतों रियाज़त से बढ़ कर है।

     मन्कुल है कि हमसे पहले की उम्मतों में से एक शख्स जिस ने 400 बरस अल्लाह की इबादत की होगी, इस के नामए आमाल में कोई गुनाह भी न होगा। क़यामत के रोज़ उसके बारे में हुक्म खुदावन्दी होगा "इसके 400 बरस की इबादत एक पल्ले में और हमारी नेअमतो में से सिर्फ आंख की नेअमत दूसरे पल्ले में रखो।" वजन किया जाएगा, इसके 400 साल के आमाल से एक ये नेअमत कहीं ज़्यादा होगी।

*✍️मलफूज़ात* 282

     लिहाज़ा हमें उस की अता करदा नेअमतो को हर वक़्त पेशे नज़र रखते हुवे उस का शुक्र अदा करते रहना चाहिये।

*✍️अल्लाह की महब्बत कैसे हासिल हो?* 18

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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