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Wednesday 3 October 2018

*सूरतुल बक़रह, रुकुअ-12, आयत, ①ⓞⓞ*


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

और क्या जब कभी कोई एहद करते हैं उनमें का एक फ़रीक़ (पक्ष) उसे फेंक देता है बल्कि उन में बहुतेरों को ईमान नहीं (5)


*तफ़सीर*

      (5) यह आयत  मालिक बिन सैफ़ यहूदी  के जवाब में उतरी जब हुजू़र सैयदे आलम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने यहूदियों को अल्लाह तआला के वो एहद याद दिलाए जो हुज़ूर पर ईमान लाने के बारे में किये थे तो इब्ने सैफ़ ने एहद ही का इन्कार कर दिया.

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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*​DEEN-E-NABI ﷺ*

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