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Sunday 28 October 2018

*सूरतुल बक़रह, रुकुअ-15, आयत, ①②⑦*


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

और जब उठाता था इब्राहीम उस घर की नींव और इस्माईल यह कहते हुए ऐ रब हमारे हम से क़ुबूल फ़रमा(10) बेशक तू ही है सुनता जानता.


*तफ़सीर*

      (10) पहली बार काबए मुअज़्ज़मा की बुनियाद आदम अलैहिस्सलाम ने रखी और तूफाने नूह के बाद फिर हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम ने उसी बुनियाद पर तामीर फ़रमाई . यह तामीर ख़ास आपके मुबारक हाथ से हुई. इसके लिये पत्थर उठाकर लाने की ख़िदमत और सआदत इरुमाईल अलैहिस्सलाम को प्राप्त हुई. दोनों हज़रात ने उस वक्त यह दुआ की कि या रब हमारी यह फ़रमाँबरदारी और ख़िदमत क़ुबूल फ़रमा.

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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*​DEEN-E-NABI ﷺ*

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