Pages

Thursday 11 October 2018

*तज़किरतुल अम्बिया* #275


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

*सुलेमान عليه السلام का बिलक़ीस का तख्त मंगवाना*

     बिलक़ीस का क़ासिद जब हदिये ले कर वापस लौटा एयर सुलेमान عليه السلام का पैगाम पहुंचाया तो वो समझ गई कि आप नबी है, आप से जंग करना मुमकिन नहीं। उसने सुलेमान عليه السلام के पास आने की तैयारी कर ली, चलने से पहले उसने अपने तख्त के तमाम कमरों के दरवाजे बंद किये और उसकी हिफाज़त के लिये पहरेदार मुक़र्रर कर दिये। खुद अपनी क़ौम के सरदारों को साथ ले कर आपकी तरफ मुतवज्जेह हुई और आपकी तरफ पैगाम भेज दिया कि में अपनी क़ौम के बड़े बड़े सरदारों को साथ ले कर आ रही हूं, देखना चाहती हु की आप किस दीन की हमे दावत दी रहे हो? सुलेमान عليه السلام से एक फरसख की दूरी पर वो पहुंच गई तो आपने दरबारियों से कहा: 

     ए दरबारियों! तुममे कौन है कि वो उसका तख्त मेरे पास ले आए इससे पहले की वो मेरे पास मुतीअ होकर हाज़िर हो।


*तख्त की तलब में हिकमत*

     आपने बिलक़ीस के तख्त को आपने पास मंगवाने का इरादा क्यों फ़रमाया ? इसकी चंद वजह हौ।

     एक वजह ये थी कि जब बिलक़ीस आये तो उसके आने से पहले जब उसका अज़ीम तख्त जो बन्द कमरों में है और पहरेदारो की हिफाज़त में है यहां होगा तो अल्लाह की क़ुदरत और सुलेमान عليه السلام की नबुव्वत का उसे पता चलेगा तो वो ईमान लाने की तरफ माइल होगी।

     दूसरी वजह तख्त की अज़मते बादशाही के वुसअत पर दलालत करती है। इसीलिए आपने कहा कि उनके आने से पहले ही पता चल जाए कि उनकी बादशाही में कितनी वुसअत है।

     तीसरी वजह काफिरों के माल को हासिल करना जाइज़ था, अभि वो काफिरा थी आपने ख्याल किया कि उसका तख्त भी मंगवा लिया जाए तो उसकी मिल्कियत हमे हासिल हो जाएगी। अगर उसने इस्लाम कुबूल कर लिया तो फिर उसके तख्त पर क़ब्ज़ा करना जाइज़ नहीं रहेगा।

     चौथी वजह आप उनकी ज़ेहनी आज़माइश करना चाहते थे कि उसकी अक़्ल व फ़हम कितनी है क्योंकि आपने हुक्म दिया था की तख्त की शक्ल बदल दो, हम देखते है कि वो तख्त को पहचानती है या नहीं। आप उसकी समझ और दानाई का अंदाज़ा लगाना चाहते थे कि इससे पता चल जाएगा कि वो अल्लाह के दिन को समझ सकती है या नहीं।

*✍️तज़किरतुल अम्बिया* 231

●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●

मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●

*​DEEN-E-NABI ﷺ*

📲JOIN WHATSAPP

*(बहनों के लिये अलग ग्रुप)*

📱+91 95580 29197

📧facebook.com/deenenabi

📧Deen-e-nabi.blogspot.in

📧https://www.youtube.com/channel/UCuJJA1HaLBLMHS6Ia7GayiA

No comments:

Post a Comment