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Wednesday 31 October 2018

*तज़किरतुल अम्बिया* #295


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

*शोएष عليه السلام ने अपनी क़ौम को कहा* #02

     इसके बाद अल्लाह तआला ने अपने नबी के ज़रिये उन्हें अपनी नेमत याद दिलाई और कहाः और याद करो जब तुम थोड़े थे उसने तूम्हें बढ़ाया।

     यानी जब अल्लाह तआला के तुम पर कसीर इनामात हैं तो तुम्हें चाहिये कि तुम अल्लाह तआला की इताअत करो, उसकी इबादत करो और उसकी नाफरमानी से दूर रहो।

     कसरत के तीन मसद हो सकते हैं: तुम तादाद में थोड़े थे अल्लाह तआल ने तुम्हें बढ़ा दिया। यानी अब तुम तादाद में बहुत ज्यादा हो उसका तुम पर एहसान अज़ीम है। तुम गरीब थे तुम्हारे पास माल व दौलत नहीं थी अल्लाह तआला ने तुम्हारे माल व दौलत को बढ़ा दिया हक यह था कि तुम इस अज़ीम एहसान का शुक्र अदा करते और हलाल तरीके से माल हासिल करते लेकिन तुमने तो हराम तरीके से माल बटोरना शुरू कर रखा है। तुम कमज़ोर थे उसने तुम्हें ताकतवर बना दिया। जिनकी ताकत कम हो वह ख्वाह कितनी तादाद में क्यों न हों वह कलील ही नज़र आते हैं। उन्को किसी भी किस्म का रोब और दबदबा हासिल नहीं होता, लेकिन जिन्हें अल्लाह ताला ताकत दे दे वह कसीर तादाद वालो पर भारी होने की वजह से कसीर होते हैं। 

     फिर आपने अपनी कौम को इबरत हासिल करने का सबक देते हुए इरशाद फरमायाः देखो! फ़सादियों का क्या अंजाम हुआ? 

     यीन तुमसे पहले जो सरकश और ज़ालिम अल्लाह तआला के नाफरमान हुए उन्हें सिवाए ज़िल्लत व रुसवाई और अज़ाबे इलाही के कुछ हासिल नहीं हुआ अगर तुम भी इस हाल पर रहे ते तुन्हारा भी यही अंजाम होगा।

*✍️तज़किरतुल अम्बिया* 259

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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