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Tuesday 20 November 2018

*तज़किरतुल अम्बिया* #315


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

*मूसा عليه السلام की पैदाइश*#04

     मुसा अलैहिस्सलाम की वालदा ने आपको संदूक में डालकर दरिया के हवाले कर दिया। 

     फ़िरऔन की सिर्फ एक बेटी थी और उसकी कोई औलाद न थी वह अपनी बेटी से बहुत ज्यादा मुहब्बत किया करता था वह भी हर रोज़ अपने बाप के पास तीन हाजात पेश करती थी। वह बहुत ज्यादा बर्स की बीमारी में मुब्तला थी फ़िरऔन ने उसके बारे में तबीबों और जादूगरों से मश्वरा किया उन्होंने कहा ऐ बादशाह यह उस वक़्त तक ठीक नहीं हो सकती जब तक दरिया में से एक इंसान के मुशाबेह कोई चीज़ न पाई जाये और उसका लूआब लेकर उसके बर्स वाले मकाम पर मली जाये फिर यह ठीक हो जायेगी। और यह भी उस वक़्त होगा जब फला दिन और फुलां महीना हो और सूरज खूब रौशन हो, जब वही दिन आ गया तो फ़िरऔन ने दरिया के किनारे पर महफिल सजाई उसको साथ उसकी ज़ौजा भी थी फिरऔन की बेटी भी अपनी लौंडियों के साथ दरिया के किनरे पर जाकर बैठ गई। दरियाए नील से एक नहर फिरऔन के महल्लात की तरफ आई हुई थी उसमें फिरऔन की बेटी और उसकी लौंडिया  नहाने लगीं उन्होंने देखा कि ताबूत दरिया की मौजों में हिचकोले खा रहा है, जो एक दरख्त के साथ आकर रुका है। फ़िरऔन ने हुक्म दिया जल्दी से वह ताबुत मेरे पास लाया जाये कश्ती वाले लोग ने जल्द से वह ताबूत फिरऔन के पारा पेश कर दिया। 


बाक़ी अगली पोस्ट में..أن شاء الله

*✍️तज़किरतुल अम्बिया* 269

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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