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بِسْــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ
*_जनाज़े का साथ देने का सवाब_*
हज़रते दावूद अलैहिस्सलाम ने बारगाहे खुदा वन्दी में अर्ज़ की : या अल्लाह ! जिसने महज़ तेरी रिज़ा के लिये जनाज़े का साथ दिया, उसकी जज़ा क्या है ?
अल्लाह ने फ़रमाया : जिस दिन वो मरेगा तो फ़रिश्ते उसके जनाज़े के हमराह चलेंगे और में उसकी मग़फ़िरत करूँगा।
*✍🏽शुरहु स्सुदुर 97*
*_उहुद पहाड़ जितना सवाब_*
हज़रते अबू हुरैराرضي الله تعالي عنه से रिवायत है कि हुज़ूरﷺ ने फ़रमाया : जो शख्स (ईमान का तक़ाज़ा समझ कर और हुसूले सवाब की निय्यत से) अपने घर से जनाज़े के साथ चले, नमाज़े जनाज़ा पढ़े ओर दफ़्न होने तक जनाज़े के साथ रहे उसके लिये दो क़ीरात सवाब है जिस में से हर क़ीरात उहुद पहाड़ के बराबर है।
और जो शख्स सिर्फ जनाज़े की नमाज़ पढ़ कर वापस आ जाए उसके लिये एक क़ीरात सवाब है।
*✍🏽मुस्लिम 472*
*✍🏽नमाज़ के अहकाम 270*
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*DEEN-E-NABI ﷺ*
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