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بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*मुसाफिर की नमाज़* #05
*_वतन की किस्मे_*
वतन की दो किस्मे है
1 : वतने असली : यानी वो जगह जहा इसकी पैदाइश हुई है या इस के घर के लोग वहा रहते है या वहा सुकूनत कर ली और ये इरादा है कि यहा से न जाएगा।
2 : वतने इक़ामत : यानी वो जगह कि मुसाफिर ने 15 दिन या इससे ज़्यादा ठहर ने का वहा इरादा किया हो।
*_वतने इक़ामत बातिल होने की सूरत_*
वतने इक़ामत दूसरे वतने इक़ामत को बातिल कर देता है यानी एक जगह 15 दिन के इरादे से ठहरा फिर दूसरी जगह इतने ही दिन के इरादे से ठहरा तो पहली जगह वतन न रही। दोनों के दरमियान मसाफते सफर हो या न हो। यु ही वतने इक़ामत वतने असली और सफर से बातिल हो जाता है।
*✍🏽आलमगिरी 1/145*
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*DEEN-E-NABI ﷺ*
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