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*माह 4* - रबीउल आखिर
*हिजरी* - 1440
*संदल*
हज़रत सरमस्तवली (महुधा)
*उर्स*
ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया (दिल्ही)
हज़रत बाजन शाह (पोर, गांधीनगर)
हज़रत मीरन सैयद (कलोल)
सैयद जाफ़रअली शाह (मोडासा)
हज़रत पीर अकबरशाह (शावली, जामनगर)
हज़रत मस्तानशाह बावा (संतरामपुर)
सैयद अमीरमियां मोतियुंवाले (जामनगर)
हज़रत शहीद बालापीर (केराला, बावला)
*विसाल*
मिर्ज़ा मुहम्मदशाह चिश्ती (अतोदरा, सूरत)
*नॉट*
3 बार कुल्हुवल्लाह, एक बार सूरए फातिहा आगे पीछे दुरुद शरीफ पढ़ के हुज़ूर ﷺ की व इन बुज़ुर्गाने दिन की बारगाह में और हज़रत आदम ता क़यामत तक के तमाम मोमिनो की रूह को नज़र कर दीजिये।
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*DEEN-E-NABI ﷺ*
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