Pages

Thursday 13 December 2018

*सूरतुल बक़रह, रुकुअ-22, आयत, ①⑧①*


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

तो जो वसीयत को सुन सुनकर बदल दे (11) उसका गुनाह उन्हीं बदलने वालों पर है (12) बेशक अल्लाह सुनता जानता है.


*तफ़सीर*

     (11) चाहे वह व्यक्ति हो जिसके नाम kवसिय्यत की गई हो, चाहे वली या सरपरस्त हो, या गवाह. और वह तबदीली वसिय्यत की लिखाई में करे या बँटवारे में या गवाही देने में. अगर वह वसिय्यत शरीअत के दायरे में है तो बदलने वाला गुनहगार होगा.

     (12) और दूसरे, चाहे वह वसिय्यत करने वाला हो या वह जिसके नाम वसिय्यत की गई है, बरी हैं.

●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●

मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●

*​DEEN-E-NABI ﷺ*

📲JOIN WHATSAPP

*(बहनों के लिये अलग ग्रुप)*

📱+91 95580 29197

📧facebook.com/deenenabi

📧Blog : Deen-e-nabi.blogspot.in

📧YouTube : https://www.youtube.com/channel/UCuJJA1HaLBLMHS6Ia7GayiA

📧Teligram : https://t.me/joinchat/AAAAAEmfxlvfVocFrnIygA

No comments:

Post a Comment