بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ
اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ
फिर अगर वो बाज़ (रूके) रहें (14) तो बेशक अल्लाह बख़्शने वाला मेहरबान है.
*तफ़सीर*
(14) क़त्ल और शिर्क से.
*सूरतुल बक़रह, रुकुअ-24, आयत, ①⑨③*
और उनसे लड़ो यहाँ तक कि कोई फ़ितना न रहे और एक अल्लाह की पूजी हो, फिर अगर वो बाज़ आएं (15) तो ज़्यादती नहीं मगर ज़ालिमों पर.
*तफ़सीर*
(15) क़ुफ्र और बातिल परस्ती से.
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*DEEN-E-NABI ﷺ*
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