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Wednesday 26 December 2018

*सूरतुल बक़रह, रुकुअ-24, आयत, ①⑨⑤*


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

और अल्लाह की राह में ख़र्च करो (17) और अपने हाथों हलाक़त में न पड़ो, (18) और भलाई वाले हो जाओ बेशक भलाई वाले अल्लाह के मेहबूब हैं.


*तफ़सीर*

     (17) इससे सारे दीनी कामों में अल्लाह की ख़ुशी और फ़रमाँबरदारी के लिये ख़र्च करना मुराद है चाहे जिहाद हो या और नेकियाँ.

     (18) ख़ुदा की राह में ज़रूरत भर की हलाल चीज़ों का छोड़ना भी अच्छा नहीं और फ़ूज़ूल ख़र्ची भी और इस तरह और चीज़ भी जो ख़तरे और मौत के कारण हो, उन सब से दूर रहने का हुक्म है यहाँ तक कि बिना हथियार जंग के मैदान में जाना या ज़हर खाना या किसी तरह आत्म हत्या करना. उलमा ने इससे यह निष्कर्ष भी निकाला है कि जिस शहर में प्लेग हो वहाँ न जाएं अगरचे वहाँ के लोगो का वहाँ से भागना मना है.

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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*​DEEN-E-NABI ﷺ*

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