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Tuesday 18 December 2018

सय्यिदुल इस्तिगफर पढ़ने वाले के लिये जन्नत की बिशारत*

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بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

     हजरते सय्यदुना शद्दाद बिन औस رضي الله عنه से मरवी है कि हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया कि येह सय्यिदुल इस्तिगफ़ार है : 

اَللّٰهُمَّ اَنْتَ رَبِّىْ لَااِلٰهَ اِلَّا اَنْتَ خَلَقْتَنِىْ وَاَنَا عَبْدُكَ وَاَنَا عَلٰى عَهْدِكَ وَوَعْدِكَ مَا اسْتَطَعْتُ اَعُوْذُبِكَ مِنْشَرِّ مَا صَنَعْتُ اَبُوْءُ لَكَ بِنِعْمَتِكَ عَلَىَّ وَاَبُوْءُ بِذَ نْبِىْ فَاغْفِرْلِىْ فَاِنَّهُ لَايَغْفِرُ الذُّنُوْبَ اِلَّا اَنْتَ

     *तरजमा* : “ऐ अल्लाह! तु मेरा रब है तेरे सिवा कोई माबूद नहीं तूने मुझे पैदा किया मैं तेरा बन्दा हूं और ब क़दर ताकत तेरे अहदो पैमान पर काइम हूं, में अपने किये के शर से तेरी पनाह मांगता हूं, तेरी नेमत का जो मुझ पर है इक़रार करता हूं और अपने गुनाहों का एतिराफ़ करता हूं मुझे बख्श दे कि तेरे सिवा कोई गुनाह नहीं बख्श सकता। 

     जिसने इसे दिन के वक़्त ईमान व यकीन के साथ पढा फिर इसी दिन शाम होने से पहले उस का इन्तिक़ाल हो गया तो वो जन्नती है और जिसने इसे रात के वक़्त ईमान व यकीन के साथ पढा फिर सुबह होने से पहले उस का इन्तिक़ाल हो गया तो वो जन्नती है।

*⁦✍️⁩ صحيح البخاري*

*✍️मदनी पंजसुरह* 141

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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