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Saturday 19 January 2019

_नमाज़ छोड़ने का वबाल अहादिष की रौशनी में_* #03

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بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ

اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

     हज़रत मुआज़ कहते है कि मेने रसुलल्लाह ﷺ से सवाल किया : या रसूलल्लाह ﷺ ! वो बात बताइये जो मुझे जन्नत में ले जाए और जहन्नम से बचाए ? फ़रमाया : अल्लाह की इबादत करो, उसके साथ किसी को शरीक न ठहराओ, नमाज़ क़ायम करो, ज़कात दो,रमज़ान के रोज़े रखो और बैतुल्लाह का हज करो।

*✍🏼सहीह मुस्लिम*

     मालुम हुआ कि जन्नत में दाखिल और जहन्नम से नजात के लिये नमाज़ की अदायगी ज़रूरी है।


     हज़रत अबू हुरैरा رضي الله عنه से मरवी है कि हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया : जो शख्स अपने घर में तहारत (वुज़ू) करके फ़र्ज़ नमाज़ अदा करने के लिये मस्जिद जाता है तो एक क़दम पर एक गुनाह मिटता है और दूसरे पर एक दर्जा बुलन्द होता है।

*✍🏼मुस्लिम शरीफ*

*✍🏼नमाज़ की अहमियत* 16

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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