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Sunday 20 January 2019

*क़यामत और उसकी निशानियां* #10


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

     *सुवाल* - इस मुसीबत से लोगों को कैसे नजात मिलेगी ? 

     *जवाब* - इस हालत में तवील अर्सा गुज़रेगा। पचास हजार साल का तो वोह दिन होगा और इस हालत में आधा गुजर जाएगा। लोग सिफ़ारिशी तलाश करेंगे जो इस मुसीबत से नजात दिलाए और जल्द हिसाब शुरू हो। अम्बिया عليه السلام की बारगाह में हाज़िरी होगी लेकिन मक्सद पूरा न होगा। आखिर में हुजूरे पुरनूर, सय्यदे अम्बिया, रहमते आलम ﷺ के हुजूर में फरयाद लाएंगे और सिफारिश की दरख्वास्त करेंगे। हुजूर ﷺ फरमाएंगे मैं इस के लिये मौजूद हूं। येह फ़रमा कर हुजूर ﷺ बारगाहे इलाही  में सजदा करेंगे। अल्लाह तआला की तरफ से इरशाद होगा ऐ मुहम्मद सजदे से सर उठाइये बात कहिये सुनी जाएगी, शफाअत कीजिये कबूल की जाएगी। ' हुजूर ﷺ की येह शफाअत तो तमाम अहले महशर के लिये है जो शदीद डर और खौफ की वज्ह से फरयाद कर रहे होंगे और येह चाहते होंगे कि हिसाब फरमा कर इन के लिये हुक्म दे दिया जाए। अब हिसाब शुरू होगा। मीज़ाने अमल में आमाल तोले जाएंगे, आमाल नामे हाथों में होंगे। अपने ही हाथ, पाउं, बदन के आजा अपने खिलाफ गवाहियां देंगे। जमीन के जिस हिस्से पर कोई अम्ल किया था वोह भी गवाही देने को तय्यार होगा। अजीब परेशानी का वक्त होगा कोई यार न गमगुसार। न बेटा बाप के काम आ सकेगा न बाप बेटे के। आमाल की पुरसिश यानी पुछगछ है। जिंदगी भर का किया हुवा सामने है। न गुनाह से मुकर सकता है, न कहीं से नेकियाँ मिल सकती है।

*✍️बुन्यादी अक़ाइद और मामुलाते अहले सुन्नत* 41

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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