Pages

Wednesday 23 January 2019

*सूरतुल बक़रह, रुकुअ-28, आयत, ②②③*


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

तुम्हारी औरतें तुम्हारें लिये खेतियां हैं तो आओ अपनी खेतियों में जिस तरह चाहो (2) और अपने भले का काम पहले करो (3) और अल्लाह से डरते रहो और जान रखो कि तुम्हें उससे मिलना है और ऐ मेहबूब बशारत दो ईमान वालों को.


*तफ़सीर*

(2) यानी औरतों की क़ुर्बत से नस्ल का इरादा करो न कि वासना दूर करने का.

(3) यानी नेक और अच्छे कर्म या हमबिस्तरी से पहले बिस्मिल्लाह पढ़ना.

●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●

मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●

*​DEEN-E-NABI ﷺ*

📲JOIN WHATSAPP

*(बहनों के लिये अलग ग्रुप)*

📱+91 9033 833 975

📧facebook.com/deenenabi

No comments:

Post a Comment