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Thursday 24 January 2019

*तज़किरतुल अम्बिया* #373


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

*फ़िरऔन का ग़र्क़ होने पर ईमान लाना और क़बूल न होना*

     मालिकुल मुल्क की कितनी अजीम कुदरत है? कि वह शख़्स जो कभी (मैं तुम्हारा बड़ा रब हु) का दावा कर रहा था आज उसकी गिरफ्त में आता है दरिया की तुगयानी में शदीद मौजों के थपेड़ों में आते ही एक मर्तबा नहीं बल्कि 3 मर्तबा ईमान लाता है एक मर्तबा कहा आमन्तु मैं ईमान लाया दूसरी मर्तबा कहा केई सच्चा माबूद नहीं सिवा उसके जिस पर बनी इस्राईल ईमान लाये। तीसरी मर्तब कहाः और मैं मुसलमान हूं। 

     लेकिन यह इसका ईमान कबूल न हुआ क्योंकि रब तआला के अज़ाब को देखकर, फ़रिश्तों का सामना करते हुए ईमान लाना नफा मंद नहीं हो सकता।

     रब तआला ने फरमाया अब तु ईमान लाता है पहले नाफरमानियां करता रहा और फ़साद फैलाता रहा यानी पहले तुम्हें ईमान लाने का कितना वक्त दिया? कई मर्तबा तुझे आज़माईश में मुब्तला करके ईमान लाने की तरफ सोचने के मौके फ़राहम किये, लेकिन उस वक्त तू ईमान न लाया, अब गर्क होने पर तेरे इमान लाने को क़बूल नहीं किया जा सकता। अब तो तेरे जिस्म को दरिया की मौजों से बाहर फेंक कर लोगो के लिए निशानी बनाया जयेगा सब को पता चल जाये कि आज खुदाई दावेदार गर्क होकर मुर्दा हालत में पड़ा है खुदाए हक़ीक़ी तो वह हो सकता है जो हमेशा के लिए कायम व दायम है। 


*बनी इस्राइल की नाशुक्री* का बयान अगली पोस्ट में ان شاء الله.

*✍️तज़किरतुल अम्बिया* 311

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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