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Saturday 26 January 2019

तज़किरतुल अम्बिया* #375

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بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

*तौरात लेने के लिए मूसा अलैहिस्सलाम का तूर पर जाना*      

     मूसा अलैहिस्सलाम ने अपनी कौम को पहले ही बता दिया था कि जब अल्लाह तआला हमें फिरौनियों से नजात देगा तो मैं तुम्हें रब तआला से एक किताब लाकर दूंगा जिसमें हराम व हलाल अम्र का जिक्र होगा इसी वादे के मुताबिक आप अल्लाह तआला के हुक्म से तौरात लैने तूर पर आये। 

     अल्लाह तआला ने मूसा अलैहिस्सलाम से वादा फ़रमाया कि तूम तूर पर आओ तुम्हें चालीस दिनो के बाद किताब दी जाएगी आप को हुक्म दिया गया कि तूम तीस दिन ऐसे नेक आमाल करना जो मेरे क़ुर्ब का जरिया बनें फिर दस दिनों में तुम्हें किताब अता कर दी जायेगी इस तरह तीस देनों का वादा चालीस दीनों तक हुआ और यह भी बयान किया गया है कि मुसा अलैहिस्सलाम को जीकादा के तीस रोजे रखने का हुक्म दिया जब आपने तीस दिन के रोजे मुक़म्मल कर लिए तो मुंह में बु नामुनासिब समझकर मिस्वाक की। फ़रिश्तों ने कहा कि हम तो तुम्हारे मुंह से कस्तूरी की खुश्बू सूंघ रहे थे लेकिन तुमने मिस्वाक करके जाया कर दी तो अल्लाह तआला ने आपको वही की: क्या तुम्हें मालूम नहीं ? कि  रोजेदार के मुंह की बू मेरे नज़दीक कस्तूरो से भी ज्यादा अच्छी है। आपको अल्लाह तआला ने हुक्म दिया कि जिल हिज्जा के दस रोजे और रखें इस तरह दसा बड़ा कर चालीस कर दिये गये। 

     मूसा अलैहिस्सलान ने जाते हुए अपने बड़े भाई हारून अलैहिस्सलाम को अपना नायब बनाया जो खुद भी मुस्तकिल नबी थे यह नयाबत नबुव्वत में नहीं थी बल्कि रिसालत भी यानी इजरत हारून अलैहिस्सलाम फ़क़त नबी थे और मूसा अलैहिस्सलाम रसूल भी थे इसलिए उन्हें अपने मनसबे रिसालत का नायव और ख़लीफ़ा बनाया वह भी फ़क्त तूर से वापसी तक।

*रब तआला के दीदार की तमन्ना* ये वाकया अगली पोस्ट में ان شاء الله.

*✍️तज़किरतुल अम्बिया* 312

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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