بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
हुजरते सय्यदुना सल बिन सा'द साइदी رضی اﷲ تعالٰی عنه बयान करते हैं कि एक शख्स ने हुजूरे अक्दस, शफ़ीए रोजे महशर ﷺ की खिदमते बा बरकत में हाज़िर हो कर अपनी गुरबत और तंगदस्ती की शिकायत की।
नबिय्ये करीम ﷺ ने इर्शाद फरमाया: जब तुम अपने घर में दाखिल हो तो सलाम करो अगर्ने कोई भी न हो, फिर मुझ पर सलाम भेजो और एक बार قُلْ هُوَ ﷲ शरीफ़ पढ़ो। उस शख्स ने ऐसा ही किया तो अल्लाह तआला ने उसे इतना मालदार कर दिया कि उस ने अपने हमसायों और रिश्तेदारों में भी तक्सीम करना शुरू कर दिया।
बाक़ी अगली पोस्ट में..ان شاء الله
*✍🏼 ग़रीब फाएदे में है पेज 19*
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*DEEN-E-NABI ﷺ*
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