*
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ
اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ
*सुवाल* - अल्लाह की जाते मुबारक से मुतअल्लिक बोले जाने वाले चन्द कुफ्रिय्या कलिमात बता दें ?
*जवाब* - ● अगर येह कहा : खुदा मुझे उस काम के लिये हुक्म देता जब भी न करत तो काफिर हैं।
● एक ने दूसरे से कहा : मैं और तुम खुदा के हुक्म के मुवाफिक काम करें दूसरे ने कहा : मैं खुदा का हुक्म नहीं जानता, या कहा : यहां किसी का हुक्म नहीं चलता।
● कोई शख्स बीमार नहीं होता या बहुत बूढ़ा है मरता नहीं उस के लिये येह कहना कि इसे अल्लाह भूल गए हैं।
● किसी ज़बान दराज़ आदमी से येह कहना कि खुदा तुम्हारी ज़बान का मुकाबला कर ही नहीं सकता मैं किस तरह करू येह कुफ्र है।
● एक ने दूसरे से कहा : अपनी औरत को काबू में नहीं रखता, उस ने कहा : औरतों पर खुदा को तो कुदरत हैं नहीं, मुझ को कहां से होगी।
*✍️बुन्यादी अक़ाइद और मामुलाते अहले सुन्नत* 66
●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●
मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●
*DEEN-E-NABI ﷺ*
📲JOIN WHATSAPP
*(बहनों के लिये अलग ग्रुप)*
📱+91 9033 833 975
📧facebook.com/deenenabi
mashaAllah aap ne achi jankari di
ReplyDelete