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Thursday 14 February 2019

अल्लाह की जाते मुबारका के मुतअल्लिक कुफ्रीय्या कलिमात* #01

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بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

     *सुवाल* - अल्लाह की जाते मुबारक से मुतअल्लिक बोले जाने वाले चन्द कुफ्रिय्या कलिमात बता दें ? 

     *जवाब* - ● अगर येह कहा : खुदा मुझे उस काम के लिये हुक्म देता जब भी न करत तो काफिर हैं। 

     ● एक ने दूसरे से कहा : मैं और तुम खुदा के हुक्म के मुवाफिक काम करें दूसरे ने कहा : मैं खुदा का हुक्म नहीं जानता, या कहा : यहां किसी का हुक्म नहीं चलता। 

     ● कोई शख्स बीमार नहीं होता या बहुत बूढ़ा है मरता नहीं उस के लिये येह कहना कि इसे अल्लाह भूल गए हैं। 

     ● किसी ज़बान दराज़ आदमी से येह कहना कि खुदा तुम्हारी ज़बान का मुकाबला कर ही नहीं सकता मैं किस तरह करू येह कुफ्र है। 

     ● एक ने दूसरे से कहा : अपनी औरत को काबू में नहीं रखता, उस ने कहा : औरतों पर खुदा को तो कुदरत हैं नहीं, मुझ को कहां से होगी।

*✍️बुन्यादी अक़ाइद और मामुलाते अहले सुन्नत* 66

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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*​DEEN-E-NABI ﷺ*

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