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Monday 18 February 2019

अल्लाह की जाते मुबारका के मुतअल्लिक कुफ्रीय्या कलिमात* #04

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بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

     *सुवाल* - अल्लाह के नाम की तसगीर करना कैसा है ? 

     *जवाब* - अल्लाह के नाम की तसगीर करन कुफ्र है, जैसे किसी का नाम अब्दुल्लाह या अब्दुल खालिक या अब्दुर्रहमान हो उसे पुकारने में आखिर में अलिफ वगैरा ऐसे हुरूफ़ मिला दे जिस से तसगिर समझी जाती है।


     *सुवाल* - तेरा बाप अल्लाह अल्लाह करता है ये कहना

कैसा ?

     *जवाब* - एक शख्स नमाज़ पढ़ रहा है उसका लड़का बाप को तलाश कर रहा था और रोता था किसी ने कहा : चुप रह तेरा बाप अल्लाह अल्लाह करता है ये कहना कुफ्र नहीं क्योंकि इसके मन ये है कि खुदा की याद करता है। और ब्ज़ जाहिल ये कहते है कि लाइलाह पड़ता है ये बहुत क़बीह है  कि ये नफ़ी महज़ है, जिस का मतलब ये हुवा की कोई खुदा नही और ये माना कुफ्र है।

*✍️बुन्यादी अक़ाइद और मामुलाते अहले सुन्नत* 65

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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*​DEEN-E-NABI ﷺ*

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