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Thursday 14 February 2019

सूरतुल बक़रह, रुकुअ-31, आयत, ②④①*

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بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

और तलाक वालियों के लिये भी मुनासिब तौर पर नान नफ़क़ा है ये वाजिब है परहेज़गारों पर.


*सूरतुल बक़रह, रुकुअ-31, आयत, ②④②*

अल्लाह यूं ही बयान करता है तुम्हारे लिये अपनी आयतें कि कहीं तुम्हें समझ हो.

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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*​DEEN-E-NABI ﷺ*

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