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Thursday 14 February 2019

तज़किरतुल अम्बिया* #386

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بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

*अमालक़ा से जिहाद का हुक्म और बनी इस्राइल की रुगरदानी* #03

     दूसरे दो सरदारों हज़रत युशा बिन नून और कालिब ने बहुत समझाया कि ना मर्द न बनो जरा हिम्मत कर के दुश्मन के शहर के दरवाजे से दाखिल होकर हमला करके देखो। नुसरते इलाही किस तरह तुम्हारे दुश्मनों को कुचल कर रख देती हैं, लेकिन उनपर इसका कोई असर न हुआ जब वह अमालक़ा की ताकत का हाल सुनकर दिल छोड़ बैठे और जिहाद से मुंह मोड़ कर वापस लौटे अल्लाह ने उनके इस जुर्म की सज़ा यूं दी कि वह अपने घरों तक वापस न पहुंच सके और चालीस साल तक वादी तीह में हैरान व परेशान घूमते रहे।

     तीह मिस्र और शाम के दर्मियान एक वसी और खुला मैदान था तीह के मायने ही हैरानी व परेशानी के हैं बनी इस्राईल इस मैदान में चालीस साल तक इंतेहाई हैरानी और परेशानी के आलम में सरगर्दा रहे इसलिए इसे वदी तीह कहा जता है बनी इस्राइल अपने घरों तक जाने की फ़िक्र में दिन भर सफ़र करते रात बसर करने के बाद सुबह अपने आपको वहीं पाते जहां से गुजश्ता सुबह उन्होंने सफ़र का आगाज किया था।


*बनी इस्राईल की सरकेशी के बावजूद उन पर इनामात* अगली पोस्ट में..أن شاء الله

*✍️तज़किरतुल अम्बिया* 319

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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