दीगर गुनाहो का दरवाज़ा खुल जाता है
गुस्से से किना पैदा होता है और किने से 8 हलाकत खेज़ चीज़े जन्म लेती है।
➡किना परवर हसद करेगा यानी किसी के गम से शायद होगा और उसकी ख़ुशी से गमगीन।
➡दशमातत करेगा यानी किसी को कोई मुसीबत पहुचती तो खुशी का इज़हार करेगा।
➡गीबत, झूट और फोहश कलामी से उस के राजो को आशकार करेगा।
➡बात करना छोड़ देगा और सलाम का जवाब नहीं देगा।
➡ये उसे हक़ारत की नज़र से देखेगा और उस पर जबान दराज़ी करेगा।
➡उस का मज़ाक उड़ाएगा।
➡उसकी हक़ तलफि करेगा और सीलए रहमी नही करेगा यानी अक़रीबा से मुरव्वत नहीं करेगा और रिश्तेदारो के हुक़ूक़ अदा नही करेगा और उनके साथ इन्साफ नहीं करेगा और तालिबे मुआफ़ी नही होगा।
➡दूसरो को भी उसकी इज़ा रसायनी पर उभारेगा। अगर कोई बहुत दीनदार है और गुनाहो से भागता है तो इतना ज़रूर करेगा कि उस के साथ जो एहसान करता था उस को रोक देगा और उसके साथ शफ़क़त से पेश नहीं आएगा और न उसके कामो में दिलसोज़ि करेगा और न उसके साथ अल्लाह के ज़िक्र में शरीक होगा और न उस की तारीफ़ करेगा।
ये तमाम बाते आदमी के नुकसान और उसकी खराबी का बाईष् होती है।
देखा आपने किने की वजह से इंसान दीगर गुनाहो और बुराइयो की दल दल में किस तरह फसता चला जाता है !
*#बुग्ज़ व किना स.14*
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
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*DEEN-E-NABI ﷺ*
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➡बात करना छोड़ देगा और सलाम का जवाब नहीं देगा।
➡ये उसे हक़ारत की नज़र से देखेगा और उस पर जबान दराज़ी करेगा।
➡उस का मज़ाक उड़ाएगा।
➡उसकी हक़ तलफि करेगा और सीलए रहमी नही करेगा यानी अक़रीबा से मुरव्वत नहीं करेगा और रिश्तेदारो के हुक़ूक़ अदा नही करेगा और उनके साथ इन्साफ नहीं करेगा और तालिबे मुआफ़ी नही होगा।
➡दूसरो को भी उसकी इज़ा रसायनी पर उभारेगा। अगर कोई बहुत दीनदार है और गुनाहो से भागता है तो इतना ज़रूर करेगा कि उस के साथ जो एहसान करता था उस को रोक देगा और उसके साथ शफ़क़त से पेश नहीं आएगा और न उसके कामो में दिलसोज़ि करेगा और न उसके साथ अल्लाह के ज़िक्र में शरीक होगा और न उस की तारीफ़ करेगा।
ये तमाम बाते आदमी के नुकसान और उसकी खराबी का बाईष् होती है।
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