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Sunday 12 June 2016

बुग्ज़ व किना

*बदतरीन बुग्ज़ व किना*
आम मुसलमानो से बिला वजहे शरई किना रखना बेशक हराम और जहन्नम में ले जाने वाला काम है मगर सहाबए किराम सादाते उज़्ज़ाम उल्माए किराम और अरबो से बुग्ज़ व किना रखना इससे कही ज़्यादा बुरा है। ऐसा करने वालो की शदीद मज़म्मत की गई है।

*सहाबए किराम से बुग्ज़ रखने की वईदे शदीद*
हज़रते अब्दुल्लाह बिन मुगफ्फल رضي الله تعالي عنه से मरवी है कि रसूले करीम ﷺ ने फ़रमाया कि मेरे असहाब के हक़ में खुदा से डरो ! खुदा का खौफ करो !! इन्हें मेरे बाद निशाना न बनाओ, जिसने इन्हें महबूब रखा मेरी महब्बत की वजह से महबूब पाया और जिसने इनसे बुग्ज़ किया वो मुझ से बुग्ज़ रखता है, इसलिये उसने इनसे बुग्ज़ रखा, जिस ने इन्हें इज़ा दी उसने मुझे इज़ा दी, जिसने मुझे इज़ा दी उसने बेशक खुदा तआला को इज़ा दी, जिसने अल्लाह तआला को इज़ा दी क़रीब है कि अल्लाह उसे गिरफ्तार करे।
*#सुनन तिर्मिज़ी 5/463*

हज़रते अल्लामा मौलाना नईमुद्दीन मुरादाबादी अलैरहमा फरमाते है :
मुसलमान को चाहिये कि सहाबए किराम का निहायत अदब रखे और दिल में इनकी अक़ीदत व महब्बत को जगह दे। इनकी महब्बत हुज़ूर ﷺ की महब्बत है और जो बद नसीब सहाबा की शान में बे अदबी के साथ ज़बान खोले वो दुश्मने खुदा व रसूल है।
*#सवानहे कर्बला 31*
*#बुग्ज़ व किना 21*
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