*हदिशे मुबारका*
आइशाرضي الله تعالي عنها से रिवायत है, फरमाती है, हममे से जब किसी औरत को हैज आता और रसूलल्लाहﷺ उससे मिलना चाहते तो उसे हुक्म देते कि अपने हैज की ज़्यादती के वक़्त इजार पहन ले, फिर उसके साथ लेट जाते।
उसके बद आइशाرضي الله تعالي عنها ने फ़रमाया, तुम में से कौन है, जो अपनी ख्वाहिश और इस क़दर काबू रखता हो, जिस क़दर रसूलल्लाहﷺ अपनी ख्वाहिश पर काबू रखते थे।
*हदिष की सरह*
मालुम हुआ की जिस का अपने जोश पर कंट्रोल न हो वो ऐसे मिलने से परहेज़ करे, कि कहि हराम काम न हो जाये।
*✍🏽मुख़्तसर सहीह बुखारी, 1/166*
___________________________________
खादिमे दिने नबी ﷺ *मुहम्मद मोईन*
📮Posted by:-
*DEEN-E-NABI ﷺ*
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उसके बद आइशाرضي الله تعالي عنها ने फ़रमाया, तुम में से कौन है, जो अपनी ख्वाहिश और इस क़दर काबू रखता हो, जिस क़दर रसूलल्लाहﷺ अपनी ख्वाहिश पर काबू रखते थे।
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मालुम हुआ की जिस का अपने जोश पर कंट्रोल न हो वो ऐसे मिलने से परहेज़ करे, कि कहि हराम काम न हो जाये।
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