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Friday 29 July 2016

सिरते मुस्तफाﷺ


*_हादिषए रजीअ_*
हिस्सा-03
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

    हज़रते खूबैब और हज़रते ज़ैदرضي الله تعالي عنهم को काफिरो ने बांध दिया था इस लिए ये दोनों मजबूर हो गए थे। इन दोनों को कुफ्फार ने मक्का में ले जा कर बेच डाला। हज़रते खूबैबرضي الله تعالي عنه ने जंगे उहुद में हारिष बिन आमिर को क़त्ल किया था इस लिये उसके लड़को ने इन को खरीद लिया ताकि इन को क़त्ल करके बाप के खून का बदला लिया जाए और हज़रते ज़ैदرضي الله تعالي عنه को उमय्या के बेटे सफ्वान ने क़त्ल करने के इरादे से खरीदा।
     हज़रते खूबैब को काफिरो ने चन्द दिन क़ैद में रखा फिर हुदूदे हरम के बाहर ले जा कर सूली पर चढ़ा कर क़त्ल कर दिया। हज़रते खूबैब ने क़ातिलों से दो रकाअत नमाज़ पढ़ने की इजाज़त तलब की, क़ातिलों ने इजाज़त दे दी। आप ने बहुत मुख़्तसर तौर पर दो रकअत नमाज़ अदा फ़रमाई और फ़रमाया कि ऐ गिरोहे कुफ्फार ! मेरा दिल तो यही चाहता था की देर तक नमाज़ पढ़ता रह क्यू की ये मेरी ज़िन्दगी की आखरी नमाज़ थी मगर मुझ को ये ख्याल आ गया कि कही तुम लोग ये न समझ लो कि में मौत से डर रहा हु। कुफ्फार ने आप को सूली पर चढ़ा दिया उस वक़्त आप ने ये अशआर पढ़े....
_जब में मुसलमान हो कर क़त्ल किया जा रहा हु तो मुझे कोई परवा नही है की में किस पहलू पर क़त्ल किया जाऊँगा_
_ये सब कुछ खुदा के लिये है अगर वो चाहेगा तो मेरे कटे पिटे जिस्म के टुकड़ो पर बरकत नाज़िल फ़रमाएगा_
     हारिष बिन आमिर के लड़के अबू सरूआ ने आप को क़त्ल किया मगर खुदा की शान की यही अबू सरूआ और इनके दोनों भाई उक़बा और हुज़ैर फिर बाद में मुशर्रफ ब इस्लाम हो कर सहाबिय्यत के शरफ व एजाज से सरफ़राज़ हो गए।
*✍🏽सिरते मुस्तफा 290*
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