हिस्सा-41
*सूरए बक़रह_पारह 01*
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*
*आयत ③⑨_तर्जुमह*
और जिन्होंने इन्कार कर दिया और झुटलाया हमारी आयते, वो जहन्नमवाले है, वही उसमे हमेशा रहनेवाले है।
*तफ़सीर*
और जिन्होंने इन्कार कर दिया और झुटलाया हमारी आयते, अहकाम व क़ुतुब, सहिफो, अम्बिया और रसूलो, उनके मोअज़ीज़ो को न माना, तो वो काफिर है, और जितने काफ़िर है, वो जहन्नम वाले है और सिर्फ चन्द रोज़ नही बल्कि उसमे हमेशा रहने वाले है। उनकी नजात ही न हो सकेगी।
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*DEEN-E-NABI ﷺ*
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