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Thursday 21 July 2016

अब्लाक़ घोडा

*क़ुरबानी के 4 फरामिने मुस्तफा*
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

क़ुरबानी करने वाले को क़ुरबानी के जानवर के हर बाल के बदले में एक नेकी मिलती है।
*✍🏽तिर्मिज़ी 3/162*

जिसने खुश दिली से तालिबे षवाब हो कर क़ुरबानी की, तो वो आतशे जहन्नम से हिजाब (यानी रोक) हो जाएगी।
*✍🏽अल-मोजमुल कबीर 3/84*

ऐ फातिमा ! अपनी क़ुरबानी के पास मौजूद रहो क्यू कि इसके खून का पहला क़तरा गिरेगा तुम्हारे सारे गुनाह मुआफ़ कर दिये जाएंगे।
*✍🏽बहकी 9/476*

जिस शख्स में क़ुरबानी करने की वुसअत हो फिर भी वो क़ुरबानी न करे तो वो हमारी ईबादत के क़रीब न आए।
*✍🏽इब्ने माजह 3/529*
*✍🏽अब्लाक़ घोडा 2*
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