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Friday 29 July 2016

मुर्दे की बेबसी

*मुर्दे से गुफ्त-गू*
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     "शरहुस्सुदुर" में है, हज़रते सईद बिन मुसय्यबرضي الله تعالي عنه फरमाते है : एक बार हज़रते अलिय्युल मुर्तज़ा शेरे खुदाكَرَّمَ اللّٰهُ تَعَالٰى وَجْهَهُ الْكَرِيْم के हमराह मदिने के क़ब्रस्तान में गए। हज़रते मौला अलीكَرَّمَ اللّٰهُ تَعَالٰى وَجْهَهُ الْكَرِيْم ने क़ब्र वालो को सलाम किया और फ़रमाया : ऐ क़ब्रवालो ! तुम अपनी खबर बताते हो, या हम बताए ?
     हज़रते सईद बिन मुसय्यबرضي الله تعالي عنه फरमाते है कि हमने क़ब्र से वालेकुम सलाम व-रहमतुल्लाहे व-बरकातुहु की आवाज़ सुनी और कोई कहने वाला कह रहा था : या अमीरुल मुअमिनिन ! आप ही खबर दीजिये की हमारे मरने के बाद क्या हुवा ?
     हज़रते मौला अलीكَرَّمَ اللّٰهُ تَعَالٰى وَجْهَهُ الْكَرِيْم ने फ़रमाया : सुन लो ! तुम्हारे माल तक़सीम हो गए, तुम्हारी बीवियों ने दूसरे निकाह कर लिये, तुम्हारी औलाद यतिमो में शामिल हो गई, जिस मकान को तुम ने बहुत मज़बूत बनाया था उसमे तुम्हारे दुश्मन आबाद हो गए। अब तुम अपना हाल सुनाओ।
     ये सुन कर एक क़ब्र से आवाज़ आने लगी : या अमीरुल मुअमिनिन ! कफ़न तार तार हो गए, बाल झड़ कर मुन्तशिर हो गए, हमारी खाले टुकड़े टुकड़े हो गई, आँखे बह कर रुखसारों पर आ गई और हमारे नथनों से पिप जारी है और हम ने जो कुछ आगे भेजा (यानी जैसे अमल किये) उसी को पाया, जो कुछ छोड़ा उस में नुक़सान उठाया।
*✍🏽शरहुसुदुर 27/395*
*✍🏽मुर्दे की बेबसी 12*
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खादिमे दिने नबी ﷺ *मुहम्मद मोईन*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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