Pages

Thursday 28 July 2016

सिरते मुस्तफाﷺ


*_हादिषए रजीअ_*
हिस्सा-02
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     चुकी हज़रते आसिमرضي الله تعالي عنه ने जंगे बद्र के दिन बड़े बड़े कुफ़्फ़ारे कुरैश को क़त्ल किया था इस लिये जब कुफ़्फ़ारे मक्का को हज़रते आसिमرضي الله تعالي عنه की शहादत का पता चला तो कुफ़्फ़ारे मक्का ने चन्द आदमियो को मक़ामे रजीअ में भेजा ताकि उनके बदन का कोई ऐसा हिस्सा काट कर लाए जिससे शनाख्त हो जाए की वाक़ई हज़रते आसिम क़त्लرضي الله تعالي عنه हो गए है।
     लेकिन जब कुफ़्फ़ार आप की लाश की तलाश में उस मक़ाम पर पहुचे तो उस शहीद की ये करामत देखी कि लाखो की तादाद में शहद की मख्खियो ने उन की लाश के पास इस तरह घेरा डाल रखा है किस से वहा तक पहुचना ही ना मुमकिन हो गया है इस लिये कुफ़्फ़ारे मक्का नाकाम वापस चले गए।
     बाक़ी तीन अशखास हज़रते खूबैब व हज़रते ज़ैद बिन दषीना व हज़रते अब्दुल्लाहرضي الله تعالي عنهم बिन तारिक़ कुफ्फार की पनाह पर ऐतिमाद करके निचे उतरे तो कुफ्फार ने बद अहदी की और अपनी कमान की तँतो से इन लोगो को बांधना शुरू कर दिया, ये मन्ज़र देख कर हज़रते अब्दुल्लाहرضي الله تعالي عنه ने फ़रमाया कि ये तुम लोगो की पहली बद अहदी है और मेरे लिये अपने साथियो की तरह शहीद हो जाना बेहतर है। चुनांचे वो उन काफिरो से लड़ते हुए शहीद हो गए।

बाक़ी अगली पोस्ट में..इन्शा अल्लाह
*✍🏽सिरते मुस्तफा 290*
___________________________________
📮Posted by:-
*​DEEN-E-NABI ﷺ*​
💻JOIN WHATSAPP
📲+91 955 802 9197
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in

No comments:

Post a Comment