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Wednesday 3 August 2016

क़ब्र में आनेवाला दोस्त


हिस्सा-01
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     उम्मुल मुअमिनिन हज़रते आइशा सिद्दीक़ाرضي الله تعالي عنها से मारवी है के, हुज़ूरﷺ ने सहबए किराम से दरयाफ़्त फ़रमाया : तुम जानते हो के तुम्हारी, तुम्हारे अहलो अयाल,  माल और आमाल की मिसाल केसी है ? अर्ज़ की अल्लाह और उसका रसूल बेहतर जानते है।
     इरशाद फ़रमाया : तुम्हारी, तुम्हारे अहलो अयाल, माल और आमाल की मिसाल उस शख्स की तरह है जिस के 3 भाई हो, जब उसकी मौत का वक़्त क़रीब आए तो वो अपने तीनो भाइयो को बुलाए और एक से कहे :
"तुम मेरी हालत देख रहे हो, ये बताओ के तुम मेरे लिये क्या कर सकते हो ?
वो जवाब दे : में तुम्हारे लिये इतना कर सकता हु के फिलहाल तुम्हारी तिमार दारी करू, तुम्हारे साथ रह कर तुम्हारी हाजत व जरूरियात को पूरा करू फिर जब तुम्हारा इंतिक़ाल हो जाए तो तुम्हे गुस्ल दे कर कफ़न पहनाऊँ और तुम्हे दफन कर के वापस आउ, और तुम्हारे बारे में कोई पूछे तो तुम्हारी भलाई बयान करू।
ये भाई दर हक़ीक़त उस शख्स के अहलो अयाल है।
     ये फरमाने के बाद हुज़ूरﷺ ने सहाबए किराम से पूछा : इसके बारे में तुम्हारा क्या ख्याल है ? अर्ज़ की : या रसूलल्लाहﷺ ! हम इसमें कोई भलाई नहीं पाते

बाक़ी कल की पोस्ट में..इन्शा अल्लाह
*✍🏽क़ब्र में आने वाला दोस्त 9*
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