Pages

Saturday 10 September 2016

मदनी पंजसुरह

*दिन व दुन्या की भलाइयों वाली दुआ* #19
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_इयादत करते वक़्त की दो दुआए_*

*لَا بَاْسَ طَهُوْرٌ اِنْ شَآءَ اللّٰهُ*
कोई हरज की बात नही انشاء الله ये मरज़ गुनाहो से पाक करने वाला है।
*✍🏽सहीह बुखारी, 2/505*

*اَسْأَلُ اللّٰهَ الْعَظِيْمَ رَبَّ الْعَرْشِ الْعَظِيْمِ اَنْ يَّشْفِيَكَ*
में अज़मत वाले से सुवाल करता हु जो अर्हसि अज़ीम का मालिक है की वो तुझे शिफ़ा दे।
*✍🏽सुनन अबी दाऊद, 3251*
*✍🏽मदनी पंजसुरह, 222*

*नॉट :* जिन हजरात को अरबी नही आती वो तर्जुमा याद करले और उसे पढ़े। और जो अरबी जानते है वो तर्जुमे को जहन में रखे ताकि पता चले की हम क्या पढ़ रहे है, ये दुआ में क्या है। अपनी मादरी ज़बान में दुआ पढ़ना बेहतर है।
___________________________________
📮Posted by:-
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
💻JOIN WHATSAPP
📲+91 955 802 9197
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in

No comments:

Post a Comment