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Thursday 3 November 2016

*फैज़ाने खदीजतुल कुब्रा* #06
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*तक़रीबे निकाह*
     हुज़ूरﷺ के अख़लाक़ व आदात से मुतअस्सिर हो कर हज़रते खदीजाرضي الله تعالي عنها ने अपनी सहेली (नफीसा बिन्ते मुन्या) को आपﷺ की रिज़ा मालुम करने के लिये भेजा, हुज़ूरﷺ की रिज़ा मालुम करने के बाद नफीसा हज़रते खदीजाرضي الله تعالي عنها के पास आई और कहने लगी : मुबारक हो ! मुहम्मद मुस्तफाﷺ ने आप की दरख्वास्त क़बूल फरमा ली है। इस पर हज़रते खदीजाرضي الله تعالي عنها बहुत खुश हुई और इज़हारे मज़र्रत किया। फिर किसी को अपने चचा अम्र बिन असद के पास भेजा की ब वक़्ते अक़्द वो भी मौजूद हो।
     इधर हुज़ूरﷺ भी अबू तालिब, हज़रते हम्ज़ा और बाज़ दीगर चाचाओं के साथ और हज़रते अबू बक्र सिद्दीक़رضي الله تعالي عنهم और क़बिलए मूजर के दीगर रुअसा के साथ हज़रते खदीजाرضي الله تعالي عنها के मकान पर तशरीफ़ लाए और निकाह फ़रमाया।
     निकाह की ये पुर सईद तक़रीब हुज़ूरﷺ के सफरे शाम से वापसी के दो माह 25 दिन बाद हुईं। और हज़रते खदीजाرضي الله تعالي عنها ने रसूल के ज़ौजिय्यत में आ कर क़यामत तक के तमाम मोमिनीन की माँ यानी उम्मुल मोमिनीन होने का शरफ हासिल किया।
*✍🏽फैज़ाने खदीजतुल कुब्रा, 12*
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