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Sunday 27 November 2016

*जमाअत छोड़ने की सजा* #07
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     हुज़ूर ﷺ ने बाज़ नमाज़ों में कुछ लोगो को गैर हाज़िर पाया तो इर्शाद फ़रमाया : में चाहता हु की किसी शख्स को हुक्म दू की वो नमाज़ पढ़ाए, फिर में उन लोगो की तरफ जाऊ जो नमाज़े बा जमाअत से पीछे रह जाते है और उन पर उनके घर जला दू।
*✍🏽शाहीह मुस्लिम*

     मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! गौर कीजिये हमारे आक़ा ﷺ जो अपनी उम्मत से बेहद महब्बत फरमाते और सारी सारी रात उम्मत की बख्शीश व मगफिरत के लीये आंसू बहाते रहे, ऐसे शफ़ीक़ व करीम आक़ा ने शाने जलाल में फ़रमाया :
*जो लोग जमाअत से नमाज़ नहीं पढ़ते, मेरा जी चाहता है की उनके घरो को आग लगा दू।*

*✍🏽तर्के जमाअत की वईदे, स. 16*

अल्लाह عزوجل अपने हबीब ﷺ के सदके के हम सभी को बा जमाअत नमाज़ अदा करने का शोख ओ जौक अता करे।
आमीन.....
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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