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Tuesday 22 November 2016

*तज़किरए इमाम अहमद रज़ा* #13
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

_*तसानिफ*_
     मेरे आक़ा आला हज़रत ने मुख़्तलिफ़ उनवानात पर कमो बेश 1000 किताबे लिखी है। यु तो आप ने 1286 सी.ही. से 1340 सी.ही. तक लाखो फतवे दिये होंगे, लेकिन अफ़सोस ! के सब नकल न किये जा सके, जो नकल कर लिये गए थे उनका नाम "अल अतायन्न-बइय्यह फिल फतावर्र-ज़वीययह रखा गया। फतावा रज़विय्या (मुखर्र्जा) की 30 जिल्दें है जिन के कुल सफहात : 21656, कुल सुवालात व जवाबात : 6847 और कुल रसाइल : 206 है।
*✍🏽फतावा रज़विय्या मुखर्र्जा, 30/10*
     क़ुरआन व हदिष, फिक़्ह, मन्तिक और कलाम वगैरा में आप की वुसअते नजरि का अंदाज़ा आप के फतावा के मुतालाए से ही हो सकता है।

*_तर्जमए कुरआन करीम_*
     मेरे आक़ा आला हज़रत ने क़ुरआने करीम का तरजमा किया जो उर्दू के मौजूदा तराजिम में सब पर फोकिय्यत रखता है। तर्जमें का नाम *"कन्ज़ुल ईमान"* है जिस पर आप के खलीफा हज़रते मौलाना मुहम्मद नईमुद्दीन मुरादाबाद अलैरहमा ने बनामें "खजाइनुल इरफ़ान" और हज़रत मुफ़्ती अहमद यार खान ने "नुरुल इरफ़ान" के नाम से हाशिया लिखा है।
*✍🏽तज़किरए इमाम अहमद रज़ा, 19*
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