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Monday 30 January 2017

*नमाज़ के मकरुहाते तन्ज़िहा* #02
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

नमाज़ में बिला उज़्र चार जानू यानी चोकड़ी मार कर बैठना।
*✍🏽गुन्यातुल मुस्तमलि, 339*

अंगड़ाई लेना और इरादतन खाँसना, खनकारना।
*गुन्यातुल मुस्तमलि, 340*
अगर तबीअत चाहती हो तो हरज नही

सज्दे में जाते हुए घुटने से पहले बिला उज़्र हाथ से क़ब्ल घुटने ज़मीन से उठना।
रूकू में सर को पीठ से उचा निचा करना।
*✍🏽गुन्यातुल मुस्तमलि, 335,338*

नमाज़ में सना, तअव्वुज़, तस्मिया और आमीन ज़ोर से कहना।
बिगैर उज़्र दिवार वगैरा पर टेक लगाना
*✍🏽आलमगिरी, 1/107*ज

रूकू में गुटनो पर और सजदों में ज़मीन पर हाथ न रखना, दाए बाए झूमना।
कभी दाए पाउ पर और कभी बाए पाउ पर ज़ोर देना के सुन्नत है।
*✍🏽बहारे शरीअत, 3/202*

सज्दे के लिए जाते हुए सीधी तरफ ज़ोर देना और उठते वक़्त उलटी तरफ ज़ोर देना मुस्तहब है
*✍🏽बहारे शरीअत, 3/101*

नमाज़ में आँखे बंद रखना।
हा अगर खुशुअ आता हो तो आँखे बंद रखना अफज़ल है।
*✍🏽दुर्रेमुखतार, रद्दलमोहतार, 2/499*
*✍🏽नमाज़ के अहकाम, स.199*
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मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाये यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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